हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह रिवायत “ग़ेरर अल हिकम” किताब से ली गई है। इस रिवायत का टेक्स्ट इस तरह है:
قال امیرالمؤمنین علیہ السلام:
إِذَا كانَ هُجُومُ الْمَوْتِ لَا يُؤمَنُ؛ فَمِنَ الْعَجْزِ تَرْكُ التَّأهُّبِ لَهُ
अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अलैहिस्सलाम) ने फ़रमाया:
जब मौत के हमले से कोई सुरक्षा न हो, तो उसकी तैयारी छोड़ देना कमज़ोरी और लाचारी की निशानी है।
ग़ेरर अल हिकम, हदीस 4093
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